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मेरी कवितायें
Monday, 16 June 2014
मनवीणा के बोल - 3
Manvani Ke Bol - ManMohan Gupta
सौम्य , सरल, मृदुभाषी ,
मानव के उत्थान के लिए,
प्रगति और विकास के लिए ,
सतत प्रयत्नशील |
तू सच्चा सेवक , जन-जन का गौरव हो,
माणिक तू महामानव हो |
-- मनवीणा के बोल
मनमोहन गुप्ता
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